मानसिक अवसाद (Depression): मन से शरीर तक और उससे निकलने के उपाय

INTRODUCTION

आज की तेज़ रफ़्तार जीवनशैली में मानसिक अवसाद एक सामान्य समस्या बनती जा रही है। यह केवल दिमाग को प्रभावित नहीं करता, बल्कि धीरे-धीरे शरीर को भी कमजोर कर देता है। अवसाद को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह न केवल मानसिक शांति छीनता है बल्कि शारीरिक रोगों का भी कारण बनता है।

अवसाद क्या है? (Depression)

अवसाद (Depression) एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति लगातार उदासी, निराशा, आत्मविश्वास की कमी और जीवन में रुचि न होने जैसी भावनाओं से गुजरता है। यह केवल एक साधारण “उदासी” नहीं है, बल्कि एक ऐसी मानसिक अवस्था है जो लंबे समय तक बनी रह सकती है।

Depression अवसाद का शरीर पर प्रभाव

1. नींद की समस्या** – अवसाद से पीड़ित व्यक्ति को नींद नहीं आती (अनिद्रा) या कभी बहुत अधिक नींद आने लगती है।

2. भूख और वजन में बदलाव** – कभी अत्यधिक भूख लगना, तो कभी भूख बिल्कुल न लगना।

3. ऊर्जा की कमी** – लगातार थकान और काम करने की क्षमता में गिरावट।

4. शारीरिक दर्द** – सिर दर्द, पीठ दर्द, मांसपेशियों में तनाव और पेट की समस्या।

5. प्रतिरोधक क्षमता पर असर** – शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।

अवसाद के मानसिक लक्षण

* लगातार नकारात्मक सोच

* आत्मग्लानि और अपराधबोध

* ध्यान केंद्रित करने में समस्या

* आत्महत्या के विचार

* जीवन में रुचि समाप्त होना

अवसाद से बाहर निकलने के उपाय

1. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ

* रोज़ाना योग और ध्यान करें।

* कम से कम 30 मिनट की सैरया व्यायाम करें।

* पर्याप्त नींद लें।

2. सकारात्मक सोच विकसित करें*

* हर छोटी सफलता पर खुश हों।

* सकारात्मक किताबें पढ़ें और अच्छे लोगों की संगत करें।

3. संतुलित आहार लें**

* हरी सब्जियाँ, फल, और सूखे मेवे खाएँ।

* जंक फूड, शराब और नशे से दूरी बनाएँ।

4. सामाजिक जुड़ाव बनाएँ**

* दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएँ।

* अपने भावनाओं को दबाएँ नहीं, बल्कि भरोसेमंद लोगों से साझा करें।

5. पेशेवर मदद लें**

* अगर अवसाद लंबे समय तक बना रहे तो **मनोचिकित्सक (Psychiatrist)** या **काउंसलर** से मिलें।

थरेपी और दवा दोनों ही असरदार हो सकते हैं।

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